राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीपीजीआर) में राष्ट्रीय राजभाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-एनबीपीजीआर, पूसा की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में राष्ट्रीय राजभाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 6 से 8 फरवरी 2025 तक पूसा स्थित एनबीपीजीआर के सभागार में किया गया । इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में देश भर में स्थित आईसीएआर के 100 से ज्यादा  संस्थानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था । कार्यक्रम के दौरान लगभग 30 से ज्यादा देश भर के प्रतिष्ठित विद्वानों को कार्यक्रम में वक्तव्य एवं प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया। कार्यक्रम में भाषाओं की वर्तमान स्थिति पर एवं उसका संरक्षण, विलुप्त हो रही भाषाएँ, भाषाओं का सुदृढ़ीकत्रण, राजभाषा हिन्दी के विभिन्न पहलुओं सहित सरकारी क्षेत्र में इसके प्रसार, अनुवादिनी से एआई अनुवाद,  हिन्दी भाषा में वर्तनी का मानकीकरण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में  राजभाषा के अधिकारियों के अतिरिक्त प्रशासन एवं वित्त सेवा के अधिकारियों को भी बुलाया गया था। प्रशिक्षण में संसदीय राजभाषा समिति की कार्यपद्धति एवं समिति की निरीक्षण प्रक्रिया तथा उसकी नई प्रश्नावली को विस्तार से समझाया  गया।

   कार्यक्रम के  विभिन्न सत्रों में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। पूर्व राज्यसभा, सांसद एवं विचारक प्रो राकेश सिन्हा जी ने अपने विशेष सत्र के दौरान ‘राष्ट्र निर्माण में अपने देश की भाषाओं की भूमिका’ के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर सिन्हा ने बिहार झारखंड की गोद में स्थित ऐतिहासिक आवासीय नेतरहाट विद्यालय के बारे में बताते हुए कहा कि  वे वहीं के छात्र हैं और सामाजिक विषमता दूर करने में ऐसे विद्यालयों की भूमिका व्यापक रही है।

   कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव जी, प्रो कुमुद शर्मा जी, प्रो गिरीश नाथ झा जी, सुप्रसिद्ध गजलकार एवं कवि श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी जी, पूर्व कुलपति प्रेमचंद पतंजलि जी सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे। नैतिक मूल्य एवं लैंगिक मुद्दों के समाधान विषय पर विशेष सत्र में अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती सर्जना शर्मा उपस्थित थी जिसमें विशेषज्ञ वक्ता सुमन अग्रवाल ने सरकारी प्रणाली में नैतिक मूल्य एवं लैंगिक मुद्दों के समाधान पर प्रकाश डाला।

 इस कार्यक्रम के दूसरे दिन मधुर काव्य संध्या  का आयोजन भी किया गया । जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त  श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी के अतिरिक्त प्रो रहमान मुससवीर, अना दहलवी, शफ़ीक़ आबीदी, अनस फैजी, संजीव मुकेश, तनोज दधीच और मनीषा सक्सेना जैसे कवियों द्वारा आकर्षक प्रदर्शन किया गया।

प्रशिक्षण के उदघाटन में सहायक महानिदेशक डॉ देवेंद्र कुमार यादव एवं समापन सत्र में   भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के निदेशक एवं कुलपति डॉ श्रीनिवास राव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । समापन सत्र में कुलपति आईएआरआई  और निदेशक एनबीपीजीआर डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समस्त समन्वयन एवं संयोजन का कार्य  क्रमशः संस्थान के  मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ ग्रेड  श्री सुरेश कुमार गजमोती तथा राजभाषा के उप निदेशक  आशुतोष कुमार द्वारा की गई।

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