आज दिनांक 9 सितंबर 2024 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद -राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो नई दिल्ली के माननीय निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन में भारत के सुदूर उत्तर में स्थित कारगिल जनपद में दार्चिक गांव ( आर्यन गांव) में जनजातीय अप योजना के अंतर्गत अनुवांशिक संसाधनों का संरक्षण पर एक जन जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिस कार्यक्रम में इलाके के नामित काउंसलर श्री रिग्जेन गॉरमेट ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया उन्होंने उपस्थित आदिवासी किसान भाइयों बहनों से पुरानी किस्मों को संरक्षित करने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हमें बहुत सारी प्राकृतिक दौलत से नवाजा है जिसे अगली पीढ़ी के लिए संभाल कर रखना हम सब की जिम्मेदारी है, जनजातीय उप योजना के नोडल अधिकारी तथा पादप अन्वेषण एवं जनंद्रव्य संग्रहण विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रवीण कुमार सिंह ने भी किसान भाइयों बहनों से पुरानी प्रजातियों के संरक्षण, उत्पादन एवम उनको बाजार से जोड़ने पर जोर देने का आग्रह किया । उपस्थित सभी किसानों को फलदार पौधे, मटर एवं राजमा का बीज एवं तिरपाल वितरित किए गए । इस अवसर पर क्षेत्रीय केंद श्रीनगर के प्रभारी अधिकारी डॉ सेख मोहमद सुलतान ने स्थानीय किस्मों को संरक्षित कर उनको पर्यटन से जोड़ने का आग्रह किया, स्थानीय आयोजक श्री सोनम दावा जी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया, गांव के लंबरदार श्री ताशी दावा जी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो नई दिल्ली का बहुत-बहुत शुक्रिया किया की संस्थान ने उनके गांव में इस कार्यक्रम को रखा कार्यक्रम में एक जैव विविधता प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था और तीन ऐसे किसानों को नगद प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु चुना गया था जिन्होंने अधिकतम जैव विविधता प्रदर्शित की थी जिनमें मुख्य रूप से लामो डाना, रिंगचेन रिगु, एवं डिसकेट डोलमा रहे । अंत में धन्यवाद प्रस्ताव संस्थान के तकनीकी अधिकारी श्री ओ पी धारीवाल ने दिया ।
स्रोत: डॉ. पी. के. सिंह, आईसीएआर-एनबीपीजीआर, नई दिल्ली